Union Budget 2025 – भारत का केंद्रीय बजट हर साल 1 फरवरी को पेश किया जाता है। यह बजट सरकार की आगामी आर्थिक नीतियों और विकास योजनाओं की रूपरेखा तैयार करता है। वित्त वर्ष 2025 का बजट खास है क्योंकि बाजार और उद्योग कई महत्वपूर्ण सुधारों की उम्मीद कर रहे हैं। आइए जानें कि बजट 2025 से भारतीय बाजारों और अर्थव्यवस्था को क्या उम्मीदें हैं।
सरकार ने 2025 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर (Economic Growth Rate) 10.3% से 10.5% के बीच रहने का अनुमान लगाया है। इसका मतलब है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तेज़ी से विकास होने की संभावना है।
यह वृद्धि मुख्य रूप से तीन कारकों पर निर्भर करेगी:
इसके साथ ही, सरकार मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए व्यक्तिगत आयकर में कटौती कर सकती है। इसका उद्देश्य है लोगों के पास ज्यादा खर्च करने योग्य आय (Disposable Income) उपलब्ध कराना, जिससे घरेलू खपत और मांग बढ़े।
हालांकि, इन सुधारों के बावजूद सरकार ने अपने वित्तीय अनुशासन को बनाए रखने का लक्ष्य रखा है। इसका मतलब है कि सरकार राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) को 4.5% के नीचे रखने की कोशिश करेगी।
राजकोषीय घाटा वह स्थिति है, जब सरकार के खर्चे उसकी आय से अधिक हो जाते हैं। इसे नियंत्रित करना आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
सरकार ने पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) बढ़ाने का निर्णय लिया है। पूंजीगत व्यय का मतलब है ऐसे खर्चे जो लंबे समय तक देश के विकास में योगदान करते हैं, जैसे सड़कें, रेलवे, ऊर्जा उत्पादन संयंत्रAMP, और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण।
सरकार बजट 2025 में कर सुधार (Tax Reforms) की घोषणा कर सकती है, जो कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने पर केंद्रित होंगे। उद्योग और आम नागरिक दोनों ने कर सुधारों को लेकर अपनी मांगें रखी हैं। आइए समझते हैं इन सुधारों का महत्व और उनकी संभावनाएं:
विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार व्यापार नियमों को सरल बना सकती है। भारतीय रुपये के उपयोग को बढ़ावा देकर विदेशी व्यापार को सशक्त बनाया जाएगा।
वित्तीय क्षेत्र को मजबूत करने के लिए नई योजनाएं पेश की जा सकती हैं। इसके तहत:
श्रमिकों और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए श्रम कानूनों और भूमि सुधारों पर ध्यान दिया जाएगा। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और उद्योगों को कुशल श्रमशक्ति मिलेगी।
सरकार डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए निवेश करेगी। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सेवाओं तक लोगों की पहुंच आसान होगी।
स्वास्थ्य और शिक्षा में बजट बढ़ने की संभावना है। इससे कमजोर वर्गों को बेहतर सुविधाएं और युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी।
जलवायु परिवर्तन से निपटने और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार नई योजनाएं ला सकती है। पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
किसानों की आय बढ़ाने और कृषि में नवाचार लाने के लिए नई योजनाएं लाई जाएंगी। इसमें सिंचाई की सुविधाएं बढ़ाने और कृषि उत्पादों के दाम तय करने की प्रणाली में सुधार पर जोर होगा।
बजट 2025 भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कई संभावनाएं लेकर आ सकता है। सरकार के सुधारों से विकास दर में बढ़ोतरी, रोजगार सृजन और आम जनता के जीवन स्तर में सुधार की उम्मीद है। हालांकि, इन सुधारों का असली फायदा तभी होगा जब इन्हें समय पर और प्रभावी तरीके से लागू किया जाए।
यह बजट भारतीय बाजारों के लिए नई दिशा तय कर सकता है और देश की आर्थिक स्थिति को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।