13 जनवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही महत्वपूर्ण समर्थन स्तरों से नीचे बंद हुए, जिससे निवेशकों में चिंता का माहौल बना। इस लेख में, हम आज के बाजार की स्थिति, उसके कारणों, और निवेशकों के लिए संभावित रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
Today share market – बाजार की शुरुआत:

दिन की शुरुआत में ही बाजार में भारी गिरावट देखी गई। बीएसई सेंसेक्स 749.01 अंकों की गिरावट के साथ 76,629.90 पर खुला, जबकि निफ्टी 50 में 236.10 अंकों की गिरावट दर्ज की गई और यह 23,195.40 पर खुला। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 652.43 अंक (0.84%) टूटकर 76,726.48 पर और निफ्टी 201.60 अंक (0.86%) की गिरावट के साथ 23,229.90 पर कारोबार कर रहा था।
मुख्य कारण:
- वैश्विक बाजारों का प्रभाव: अमेरिकी शेयर बाजारों में आई गिरावट का असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा। एसएंडपी 500 ने 2025 की बढ़त को खत्म कर दिया, क्योंकि एक उत्साहजनक जॉब रिपोर्ट ने मुद्रास्फीति की नई आशंकाओं को जन्म दिया और इस बात को बल दिया कि फेडरल रिजर्व इस वर्ष ब्याज दरों में कटौती करने में सतर्क रहेगा।
- डॉलर में मजबूती: डॉलर में आई मजबूती ने अन्य मुद्राओं को दबाव में डाला, जिससे विदेशी निवेशकों का रुझान प्रभावित हुआ। डॉलर ने सप्ताह की शुरुआत मजबूती के साथ की, जिससे उसके समकक्ष मुद्राएं कई साल के निचले स्तर के पास आ गईं।
- एफआईआई की बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निरंतर बिकवाली ने बाजार पर दबाव बढ़ाया। पिछले हफ्ते एफआईआई ने शेयर बाजार में 16,854 करोड़ रुपये की बिकवाली की है।
- मुद्रास्फीति की चिंताएं: मुद्रास्फीति के बढ़ते आंकड़े और केंद्रीय बैंक की नीतियों को लेकर अनिश्चितता ने निवेशकों के विश्वास को प्रभावित किया।
निवेशकों के लिए सुझाव:
- सतर्कता बरतें: बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच सतर्कता आवश्यक है। निवेश से पहले कंपनियों के तिमाही परिणामों और आर्थिक संकेतकों का विश्लेषण करें।
- विविधीकरण: अपने निवेश पोर्टफोलियो को विविध बनाएं ताकि एक क्षेत्र में आई गिरावट से समग्र पोर्टफोलियो पर कम प्रभाव पड़े।
- लंबी अवधि की योजना: शॉर्ट-टर्म उतार-चढ़ाव से बचने के लिए लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान केंद्रित करें।
- विशेषज्ञों की सलाह लें: बाजार की वर्तमान स्थिति को देखते हुए वित्तीय सलाहकारों से परामर्श करना उचित होगा।
निष्कर्ष:
13 जनवरी 2025 का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। वैश्विक बाजारों में आई गिरावट, डॉलर की मजबूती, और एफआईआई की बिकवाली ने बाजार पर दबाव डाला। निवेशकों को वर्तमान स्थिति में सतर्कता बरतते हुए, विशेषज्ञों की सलाह के साथ अपने निवेश निर्णय लेने चाहिए।